
भोपाल, जिसे अक्सर “सपनों का शांत शहर” कहा जाता है, अब शायद “सपनों में चोरी का डर” जोड़ सकता है।
राज्य की राजधानी और सबसे सुरक्षित माने जाने वाले चार इमली VVIP इलाके में कुछ ऐसा हुआ, जिसने पुलिसिया सुरक्षा व्यवस्था की नींव हिला दी।
रात की सैर, और झपटमारी की एयर!
IGP डॉ. आशीष, जो इंटेलिजेंस और ATS जैसी सेंसिटिव एजेंसियों के हेड हैं, रात 10 बजे अपनी पत्नी के साथ डिनर के बाद टहल रहे थे। तभी बाइक पर आए अज्ञात बदमाशों ने झपट्टा मारते हुए उनके दो मोबाइल फोन छीन लिए और देखते ही देखते हवा हो गए।
अब समझ लीजिए – जब IG साहब के फोन “VVIP सुरक्षा घेरे” में नहीं बचे, तो आम आदमी का फोन किसी शनि मंदिर की दान पेटी से ज़्यादा सुरक्षित नहीं रह गया।
एक फोन फेंका, दूसरा अब भी फरार
पुलिस ने झपटमारी के 20 मिनट के भीतर एक फोन घटनास्थल के पास से बरामद कर लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बदमाश ने शायद फोन की एडवांस सिक्योरिटी देख घबरा कर उसे फेंक दिया।
लेकिन दूसरा फोन अब भी लापता है – और ये वही फोन है जिसमें संवेदनशील खुफिया डेटा मौजूद हो सकता है। “फिंगरप्रिंट से अनलॉक होता है साहब का फोन, लेकिन अब किसी और की जेब में है टोन-टोन!”
कोलार तक पहुंचा, फिर Switched Off…
तकनीकी जांच में सामने आया कि लापता फोन को आखिरी बार कोलार गेस्ट हाउस इलाके में एक्टिव पाया गया। फिर जैसे ही पुलिस पहुंची, फोन स्विच ऑफ कर दिया गया। अब सवाल ये है – क्या झपटमारों को पता था कि वो किसका फोन ले जा रहे हैं?
या फिर ये महज एक “गलत समय पर सही जगह” वाली वारदात थी?
गोपनीय डाटा या डेटा लीक का डर?
सूत्रों का कहना है कि फोन में कुछ बेहद संवेदनशील ATS और इंटेलिजेंस इनपुट्स हो सकते हैं। यही वजह है कि पुलिस, ATS और साइबर टीम – सब हाई अलर्ट पर हैं। अब ये सिर्फ चोरी नहीं, संभावित सुरक्षा रिस्क बन चुकी है। “अब फोन सिर्फ कॉल करने के लिए नहीं, डेटा युद्ध का हथियार भी है!”

जब VIP ही Unsafe, तो आम जनता किस खेत की मूली?
यह वारदात ये सोचने पर मजबूर करती है कि जब राज्य के सीनियर IGP का फोन VVIP इलाके में उड़ सकता है, तो आम आदमी के पर्स की सुरक्षा राम भरोसे ही है।
और अंत में वही पुराना सवाल – “सीसीटीवी लगाए हैं या बस बिजली की सजावट?”
भोपाल की इस घटना ने साबित कर दिया कि “VVIP ज़ोन अब सिर्फ नाम का है, झपटमारों के लिए फ्री WiFi जोन से ज़्यादा नहीं।”
अब देखना ये है कि पुलिस झपटमार को पकड़ पाती है या ये केस भी “फोन स्विच ऑफ, केस क्लोज़” वाली फाइल में चला जाएगा।
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